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सोमवार, 6 अगस्त 2012

संस्कृत विद्यालय को क्रमोन्नत करवाने के लिए उच्चस्तर तक बात पहुंचाई जाएगी

जायल। संस्कृत भाषा को देववाणी व सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है लेकिन संस्कृत शिक्षा के प्रति सरकारी बेरूखी के चलते विद्यार्थी संस्कृत शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते  है । जायल का संस्कृत उच्च प्राथमिक विद्यालय वर्षो से प्रवेशिका माध्यमिक स्तर तक क्रमोन्नति की बाट जो रहा है। राजोद रोड सुवादियाबास में 1995 में स्थापित संस्कृत विद्यालय में 85 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। उच्च प्राथमिक के बाद संस्कृत शिक्षण की व्यवस्था नहीं होने पर अधिकांश विद्यार्थी चाहकर भी संस्कृत में अध्ययन नहीं कर पाते हैं।
विद्यालय में चार शिक्षक कार्यरत है लेकिन चहार दीवारी के अभाव में आवारा पशु घुस आते  है । पौधरोपण व खेल मैदान सहित कई संसाधन चहार दीवारी के अभाव में बाधित हैं। प्रधानाध्यापक गणपत मेघवाल ने बताया कि विद्यालय को प्रवेशिका माध्यमिक स्तर तक क्रमोन्नत करवा दिया जाए तो अध्ययनरत विद्यार्थी सहित नए विद्यार्थी भी संस्कृत में अध्ययन कर सकते हंै। शिक्षक मदनलाल स्वामी ने बताया कि संस्कृत शिक्षण के लिए कई युवा इच्छुक हैं लेकिन शिक्षण सुविधा के अभाव में अध्ययन नहीं कर पाते हैं। माध्यमिक व उच्च माध्यमिक के अभाव में महज उच्च प्राथमिक स्तर तक संस्कृत शिक्षा प्राप्त करने से कोई फायदा नहीं मिल रहा है। 

संस्कृत शिक्षा के प्रति उपेक्षा
जानकारी के अनुसार जिलेभर में संस्कृत शिक्षण के लिए वरिष्ठ उपाध्याय उज्ज माध्यमिक स्तर तक महज दो व प्रवेशिका माध्यमिक स्तर तक के तीन विद्यालय  है । संस्कृत शिक्षा के अभाव में जिले के विद्यार्थी संस्कृत शिक्षक, पांडित्य, वेद उपनिषद व परम्परागत ज्ञान, ज्योतिष, आयुर्वेद सहित अनेक विधाओं की जानकारी व रोजगार से वंचित रह रहे हैं। इस संबंध में एनएसयूआई ब्लॉक अध्यक्ष पवन बटेसर ने बताया कि संस्कृत विद्यालय को क्रमोन्नत करवाने के लिए राज्यमंत्री सहित उच्चस्तर तक बात पहुंचाई जाएगी।
क्षेत्रवासियों को संस्कृत शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिए संगठन अभियान शुरू करेगा। छात्र नेता सुरेश लोमरोड़ ने बताया कि सरकार उर्दू शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष करोड़ों रूपए खर्च कर रही है लेकिन परम्परागत संस्कृत भाषा की उपेक्षा कर रही है। जिले में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए व्यापक जनआन्दोलन शुरू किया जाएगा। भाजयुमो के मण्डल उपाध्यक्ष गोविन्द चतुर्वेदी व नेहरू युवा मण्डल अध्यक्ष ललित खण्डेलवाल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर संस्कृत पाठशाला को क्रमोन्नत करवाने का आग्रह किया है। 
Source : Patrika