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रविवार, 29 जुलाई 2012

यहां नीम के पेड से बरसता है अनाज


जायल। देखने सुनने में भले ही अजीब लगे, लेकिन यदि प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो यह सच है। जी हां यहां नीम के पेड़ से अनाज गिरता है और वष्ाोü से ऎसा होता आ रहा है। नागौर जिले के गुगरियाली गांव में लोग इस घटना के गवाह हैं और नीम के पेड़ से अनाज गिरने की घटना को यहां के लोग बरसात के लिए शगुन के तौर पर देखते हैं। ग्रामीणों के अनुसार इस बार फिर ऎसा हुआ है और उन्हें अच्छे जमाने की आस बंध गई है।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गुगरियाली में दोपहर लगभग 2.30 बजे मांगीलाल लुहार नीम के पेड़ के नीचे खाट पर आराम कर रहा था कि पेड़ से अचानक बाजरे की बारिश होने लगी। वो हड़बड़ाकर उठ खड़ा हुआ, लेकिन उन्हें जरा भी आश्चर्य नहीं हुआ, क्योंकि वे इस घटना का कई बार सामना कर चुके हैं। उनका कहना है कि जब जब इस पेड़ ने बाजरा बरसाया है तब तब अच्छी बरसात हुई है। 

पेड़ से बाजरे की बरसात सुन मौके पर ग्रामीणों की भीड़ लग गई। ग्रामीण महावीरसिंह ने बताया कि गुरूवार दोपहर लगभग 2.30 बजे गांव के गुवाड़ के पास नीम के पेड़ से अचानक अनाज की बारिश हुई। पड़ौसी बच्चों ने ज्यों ही शोर शराबा किया, अनाज की बारिश रूक गई। मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। एक घंटे बाद फिर अनाज की बारिश हुई। शिक्षक सीताराम प्रजापत ने बताया कि वर्षो से नीम के पेड़ से अनाज की बारिश देखकर ग्रामीण अच्छे जमाने के शगुन मनाते हैं।

क्या कहते हैं बुजुर्ग
इस संबध में सेवानिवृत शिक्षक कल्याणसिंह ने बताया कि बचपन से गांव के इस नीम के पेड़ से अनाज गिरने की घटना देख रहे हैं। ऎसा देखने में आया कि जब-जब नीम के पेड़ से शगुन नहीं मिले, भीषण अकाल का सामना करना पड़ा। गांव के ही 75 वर्षीय बुजुर्ग महिला लिछमादेवी ने बताया कि अनाज गिरने की घटना कब से शुरू हुई इसका तो अंदाज नहीं, लेकिन जब से ब्याह कर इस गांव में आई तब से ऎसा देख रही हैं। अनाज गिरने की तिथि तय नहीं है। बुजुर्ग ग्रामीण शिवकरण बाटण ने बताया कि जो अनाज पहले या ज्यादा मात्रा में गिरता है उसी अनाज की उपज ज्यादा होती है। गुरूवार को पहले बाजरे से शुरूआत हुई। फिर मोठ, मंूग, तिल, ग्वार गिरने शुरू हुए। 

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